यही हकीकत है।
यही हकीकत है।
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गुमान ना कर ऐ कोरे कागज़,
तेरा वजूद मेरी स्याही से है,
खूबसूरत बना कर तेरी दुनिया,
मेरे कर्मों मेहरबानियों से है।
क्या करती तू मेरे बिना ,
मैं कोरा ही सही पर तुझे अपने
अरमान बयान करने तो देता हूँ,
लफ्ज बनाती है तू,
मैं उन लफ्जों को पनाह देता तो हूँ।
मेरा वजूद है तो तू है,
मेरे बिना तेरी क्या हैसियत है।
हम करते है एक दूसरे को पूरा,
यही हकीकत है।