" ये लड़के "
" ये लड़के "


अकसर लोग ये कहते हैं
लड़के ऐसे होते हैं
लड़के वैसे होते हैं
वे कुछ सोचते नहीं
पर इनकी जिंदगी भी
इतनी आसान कहाॅं होती
ये भी ना जानें
कितनें संघर्ष करते हैं
वे मन की भावनाएं
जाहिर नहीं करतें
वे खुद के टूट जानें
पर भी हॅंसते रहतें हैं
किसी को कुछ
खबर नहीं होनें देतें
ये भी बेहद सहनशील होते हैं
सदियों से है उन्हें
यही सिखाया जाता
कि मर्द को दर्द नहीं होता
वे अंदर ही अंदर रोते हैं
अपनें ऑंसुओं को छुपाते हैं
और सामान्य नजर आते हैं
लड़के भी संवेदनशील होते हैं
लोग कहते हैं
लड़के आवारा होते हैं
मगर वो भी अपने
पिता की इज्जत के लिए
कुर्बान हो जाते हैं
हर दुख दर्द सहते हैं
पर मुंह से कुछ ना कहते हैं
जनाब ये भी रोते हैं
अपनी जिम्मेंदारिया कंधों पर लेते हैं
लड़कों को यूं ना बदनाम करों
वे भी संस्कारी होतें हैं
मुछें निकल आतीं हैं उनकी
पर मन से बच्चें होतें हैं
इन्हें भी दुख दर्द होता है
जब घर से दूर जातें हैं
पर किसी पर प्रकट नहीं करतें
लड़कें भी दृढ़निश्चयी होतें हैं
मां के पास में
नखड़े करने वाले
बाहर एडजस्ट हो जाते हैं
मॉं को चिंता ना हो कभी
इसलिए फोन पर खुद को&n
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हमेशा ठीक बतातें हैं
ये लड़के भी ना अजीब होतें हैं
अपनें सपनों की खातिर
ये भी मजबूर होते हैं
अपनी तकलीफें कह नहीं पातें
खुद ही सहतें रहते हैं
सिर्फ लड़कियां ही नहीं
ये भी कोमल दिल के होतें हैं
माना कि ऑंसू छुपाते हैं
पर ये भी ऑंसू बहाते हैं
लड़के भी नाजुक दिल के होतें हैं
उठती है सदा उंगलियां लड़कों पर
पर हमेशा गलत
लड़के नहीं होते हैं
हमारें दिए संस्कारों पर चलते हैं
दूसरों के लिए भी लड़ते हैं
रिश्ते बनातें और निभाते हैं
प्यार कमातें और जताते हैं
पर हम कहां इन्हें अपना दुख दर्द
बाॅंटने की इजाजत देते हैं
लड़के भी उम्मीदों पर खड़े उतरते हैं
ज्यादा कपड़ों का उन्हें शौक कहॉं
कम में ही खुश हो लेते हैं
बहुत कुछ सहते रहते हैं
पर खुद पर सब्र रखते हैं
सबकी बातें सुन लेते हैं
किसी से कुछ ना कहते हैं
लड़के भी विन्रम होतें हैं
लड़कियों की विदाई का
सभी हवाला देते पर
लड़कों की विदाई का
कोई जिक्र नहीं करते
आज के समय में तों
लड़के भी परदेसी बन जाते हैं
वे भी माता -पिता से दूर हो जातें हैं
कुछ अनकहे अल्फाज सदा
इनके मन में दफन हो जाते हैं
सच में ये ना जानें
कितनें किरदार निभाते हैं
लड़कें भी बड़े अजीब होते हैं!