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PIYUSH BABOSA BAID

Children Stories

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PIYUSH BABOSA BAID

Children Stories

यात्रा।

यात्रा।

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चलने लगी रेल गाड़ी मारे सीटी पो—पो,

या हम भरे उड़ान,

चालू करे गाड़ी तो हो जाओ तैयार,

या फिर झाझ पे हो जाओ सवार।


एक आंजन सा सहर,

चली मोज मस्ती की लहर,

आंखों में सपने हजार,

हम तो घूमे हो के बेकरार।


देखे नई नई इमारत और घूमे पार्क में,

चल चले कुछ बेहतरीन जगहों पे,

खींचे तस्वीर उन सब की,

वापस ले चले यादें उन सब जगहों की।


है छूती की उड़म हम सब में,

हो गए मगन हम तो मस्ती की महल में,

मनाए खुशियों का समा,

जब साथ हो यार दोस्त परिवार हर जगह।


चलने लगी रेल गाड़ी मारे सीटी पो—पो,

या हम भरे उड़ान,

चालू करे गाड़ी तो हो जाओ तैयार,

या फिर झाझ पे हो जाओ सवार।


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