यादों का बक्सा
यादों का बक्सा
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एक अरसे बाद आज मैंने बक्सा खोला,
बक्सा बचपन की उन छोटी छोटी खुशियों का!!
बक्सा उस डाँट में छिपे प्यार का,
बक्सा खुशियों से भरे त्योहार का!!
यादें पानी में नाच उठने की,
यादें कागज़ की कश्ती बनाने की
यादें उन नादान झूठों की,
यादें बात बात पे रूठों की!!
यादें हर बात में हँसने की,
यादें पोसम्पा खेलते में फंसने की!!
चलो फिर कागज़ का हवाई जहाज बना के उड़ जाए,
शायद ऐसा करने से टूटे दिल जुड़ जाएं
वो भी क्या दिन थे सुहाने,
याद आते हैं मुझे वो गुजरे ज़माने