यादें पुरानी
यादें पुरानी


क्या तुम्हें याद है वो यादें पुरानी
दादी के नुस्खे नानी की कहानी
दादाजी के कंधो की करके सवारी
अनसुलझी गप्पें और बचपन की यारी
उनकी पीठ पर बैठकर खुद को राजा समझना
उनकी प्यारी झिड़की पर पल में रूठ जाना
वो नानी जो नजर का टीका लगाती
और दादी रामजी के किस्से सुनाती
कभी जो खेल में होती थी लड़ाई
नानाजी कर देते थे तुरंत चढ़ाई
फिर घर पर तुमको जो था समझाता
रिश्तों की मर्यादा निभाना सिखाता
जो आज तुम भूल जाओगे इनको
होगा दर्द तो पुकारोगे किनको
मिट जाएगी जब उम्र की लकीरें
हो जाएगा दर्द तुम्हारे हिस्से
अकेलापन तुम्हारा भी साथी बनेगा
बुढ़ापा ही होगा जो सिर पर चढ़ेगा
याद आएंगे तुमको जब फिर वो चेहरे
जो लौटा देते थे तुम्हारी जिंदगानी
क्या तुम्हें याद है वो यादें पुरानी
दादी के नुस्खे नानी की कहानी!