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aazam nayyar

Others

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aazam nayyar

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वो मेरा

वो मेरा

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दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा !

दोस्त सच्चा न हुआ वो मेरा 


हर घड़ी करके सितम वो मुझ पर 

दिल रहा रोज़ दुखा वो मेरा 


रास्ता कैसे मिले मंज़िल का 

रहनुमा ही न बना वो मेरा


उम्रभर जिसकी भलाई की थी 

कर गया आज बुरा वो मेरा 


कोई भी बात न माने आज़म 

रह गया कब है सगा वो मेरा ! 



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