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Goldi Mishra

Others

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Goldi Mishra

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विश्वाश

विश्वाश

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हारा मैं जब जब मेरे ईश्वर ने मुझे संभाला है,

भटका मैं राहों में जब सही मार्ग मुझे दिखाया है,।।

संसार की इस भीड़ में उसने मेरा हाथ थामा,

मेरे ईश्वर ने मुझे जीने का पाठ है सीखाया,

मेरी आंखों में आसूं जब जब आए,

मेरे ईश्वर मेरा सहारा बन कर आए,।।

हारा मैं जब जब मेरे ईश्वर ने मुझे संभाला है,

भटका मैं राहों में जब सही मार्ग मुझे दिखाया है,।।

सुध बुध खोकर मैं अपने ईश्वर की आराधना करू,

सब बंधन भूल बस उनके भजन मैं जपु,

एक पावन अनुभूति है भक्ति,

ईश्वर से भक्त को जोड़ देती है भक्ति,।।

हारा मैं जब जब मेरे ईश्वर ने मुझे संभाला है,

भटका मैं

राहों में जब सही मार्ग मुझे दिखाया है,।।

मैं अर्जुन सा व्याकुल था तुमने कृष्ण बनकर हर दुविधा को दूर किया,

जाने अंजाने तुमने मेरा मुझसे परिचय करवा दिया,

डरा मैं जब जब अंधेरों से तुमने आशा की बाती से मेरा अंधकार मिटा दिया,

झूठा सा लगे ये जग और इसके खोखले रिवाज़,

ना जाने ये कोई की खुदा से परे नहींं कोई रिवाज़,।।

हारा मैं जब जब में ईश्वर ने मुझे संभाला है,

भटका मैं राहों में जब सही मार्ग मुझे दिखाया है,।।

रब की प्राथना सा सुकून कही नहीं,

उसके भजनों में है जो मिठास वो और कही नहीं,

एक साथ एक उम्मीद है ईश्वर,

मूर्तियों में नहींं आत्मा में बस्ते है ईश्वर।


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