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विज्ञापन वाले भी क्या गजब ढाते हैं।
अपने प्रोडक्ट के कितने कसीदे गाते हैं ।।
2 मिनिट में पानी भी गर्म नहीं होता ।
और ये 2 मिनिट में "कुछ अच्छा" पका रहे हैं ।।
सालों तक हज़ारों रुपये फूंक कर भी रंग ना बदला ।
ये बस कुछ हफ्तों में ही काले को गोरा बना रहे हैं ।।
आपके टूथपेस्ट में नमक है या कोयला ।
दरवाजा तोड़कर न्यूज़ रिपोर्टर घर में घुसे आ रहे हैं ।।
करोड़ो रूपये खर्च करके अंतरिक्ष में जाते हैं देश ।
ये एक अंगुली चटनी चाट कर अंतरिक्ष जा रहे हैं ।।
गरीब के नसीब में कहाँ है रोज केसर खा पाना ।
ये पान-मसाले के दाने-दाने में केसर खिला रहे हैं ।।
टूथ पेस्ट के विज्ञापन में डेंटिस्ट को भी ।
स्टेथोस्कोप पहने हुए दिखा रहे हैं ।।
बाप इम्युनिटी बढ़ाने के लिए खा रहा है ड्राई-फ्रूट ।
बच्चे बस बिस्कुट खाकर अपनी इम्युनिटी बढ़ा रहे हैं।।
छत पर जाने पर भी जिसका नेटवर्क नहीं आता है ।
वो गुफाओं में भी अपना नेटवर्क दिखा रहे हैं ।।
कुछ तूफानी करने के नाम पर ये लोग ।
ठंडे की बोतल के लिए जान की बाजी लगा रहे हैं ।।
जिसे आउट करने में बड़े-बड़े बॉलर के पसीने छूट जाते ।
उसे एक बच्चे से घायल और आउट करवा रहे हैं ।।
साबुन या टूथपेस्ट के ब्रांड हो ।
सारे ही खुद को नंबर वन ही बता रहे हैं ।।
कितने लोग पढ़-लिख के भी बेरोजगार घूम रहे ।
यहां सफेद कपड़े और गोरे रंग से नौकरी पा रहे हैं ।।
जिनके यहां नही होती ग्राहक की कोई सुनवाई ।
वो जीरो कम्पलेंट के टारगेट का राग गा रहे हैं ।।
हम सुनते थे बादाम और अखरोट से तेज चलता है दिमाग ।
और ये एक कैंडी खिलाकर दिमाग की बत्ती जला रहे हैं ।।
दिखाओ पर ना जाओ, अपनी अकल लगाओ ।
वही खरीदो जो सही है , फेंकू विज्ञापनों पर ना जाओ ।।