विज्ञान
विज्ञान
जब नहीं था विज्ञान,जीना था कितना आसान ।
बच्चे बोझा ढो रहे ,अपनी किस्मत को रो रहे ।
न्यूटन की गति ने मारी है मति
नापने के मानक कर रहे अति ।
दिन भर दीवार को धक्का दिया
लोगों ने फिर निकम्मा क्यों कहा ।
जो भारी है उसका अधिक जड़त्व
जल का क्यों अलग चार पर घनत्व।[ 4℃]
बॉयल ने दाब बढ़ा आयतन घटाया
चार्ल्स ने ताप बढ़ा आयतन बढ़ाया ।
ये सब देख देख कर माथा चकराया
ताप को माइनस दो सौ तिहत्तर पहुंचाया।
केमिस्ट्री की मिस्ट्री समझ न आई
हाइजेनबर्ग ने क्या अनिश्चितता जताई ।
ज़्या कोज्या में दिल ऐसा लटका
ब्याज और क्षेत्रफल में माथा खिसका।
ए प्लस बी के स्क्वायर में फंसे रहे
प्रमेय और रेखाओं से अब डर लगें।
टैक्स अभी देना नहीं तो क्यों पढ़ें
समुच्चय के सवालों से क्यों आगे बढ़े।
मैट्रिक्स तू क्यों दो जगह विराजमान है
लैमार्क ,डार्विन पर जीवन गतिमान है ।
जीव जंतु पौधों के क्यों विशेष नाम है
वायरस बैक्टीरिया कवक से जीना हराम है ।
इतने तंत्र पढ़ कर निकली छोटी सी जान है
बोस जी और कह गए , पौधों में भी जान है ।
अब जब विज्ञान आया जीवन में उजाला लाया,
इसने मंगल और चाँद तक यान पहुँचाया है
योग के साथ विज्ञान का हुआ अद्भुत संजोग ,
विश्व गुरु बना भारत ,करके ये उत्कृष्ट प्रयोग ।
