विडम्बना
विडम्बना
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क्लास में एग्जाम
दूर बाहर ढोल की आवाज
एग्जाम दे रहे बच्चे के पैरों से थाप हो रही थी
एक प्यारी सी मुस्कान उसके चेहरे पर आ जा रही थी
आगे पीछे वो गर्दन हिला रहा था
मानों इशारों में कुछ समझा रहा था
मैने पूछा, कुछ दिक्कत है?
बोला, नहीं मैम सब ठीक है।
मैने कहा, फिर पैपर करो।
उसने कहा, हो गया।
इतनी जल्दी?
आखिरी है!
तो फिर?
कल होली है!
सोच रही थी
बेचारे बच्चे...
चलो इनके तो समाप्त
पर बेचारे
बोर्ड परीक्षा वाले
होली से अगले दिन...
ऊफ क्यों होते है एग्जाम!
ये था दसवीं के बच्चे का स्वाल...
कोई न...
खेलेंगें तो जरूर
होली है, भई होली।
