वाह क्या दिन दिखाया बेटा
वाह क्या दिन दिखाया बेटा
वाह बेटा आज तूने दिया कैसा पुरस्कार
मिल गया मुझे मेरे जीवन का सार
मुझे आज है गर्व मेरे संस्कारों पर
कैसे तुझे जीवन दिखाया कंधों पर बिठा कर
आज तूने मुझे दिखा दिया घर से बाहर का रास्ता
दिया नहीं तूने तो भगवान का भी वास्ता
मैंने तुझे सिखाया बड़ों का सम्मान करना
पर तू तो भूल गया मेरा ही मान रखना?
जब तू पैदा हुआ तब मैंने बांटी थी मिठाई
आज फिर बांटना बेटा, है तुझे दुहाई
पर ये ना सोचना कि मैं हो जाऊंगा तुझसे दूर
मिलने आना, बांटूंगा तेरे दुख ज़रूर
मैं अपना कर्तव्य अंतिम सांस तक निभाऊंगा
एक बार पुकारना, दौड़ा चला आऊंगा
तू अपने परिवार के साथ रहना खुशी के साथ
देखना कहीं तेरी संतान ना छोड़े तेरा हाथ
