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Rabindra Mishra

Others

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Rabindra Mishra

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उसे बनाना है सुहाना

उसे बनाना है सुहाना

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इस दौड़ धूप की ज़िंदगी में

सांस लेना भी भूल जाते हैं हम

पल दो पल मीठी बातें

भी करना है, वो भी भूल जाते हम ।1।


ज़रूरतें पुराकर ने के लिए

क्या क्या नहीं करते हैं हम

फिर भी पूरी नहीं आशा

बस आधे-अधूरे रहे जाते हैं हम ।2।


कबतक दौड़ते रहेंगे ऐसे

सिर्फ पैसा ही पैसा की चक्कर में

कुछ पल तो रुक कर करले

बाटे-दो बातें आपस हँसकर प्यार में ।3।


देखो सुबह का उजाला

कैसे ढाया है चारों ओर सुनहरे किरण

मंद बहता है हवा जो

चिड़ियों का चहकता मधुर गुंजन ।4।


बागों में पत्ते हिलती है

फूल गाती है प्यार की गीत

ए ज़िंदगी ज़रा ठहर जा

थोड़ा सुनले जी भरके बो संगीत ।5।


जीवन है एक सफर

उसे बनाओ बिल्कुल सुहाना

एक दिन तो सबको चलना है

खुल कर हंसो, यूँ पैसे के पीछे मत भागना। ।6।



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