उम्मीद
उम्मीद
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शब्दों के मेले में घिर गया मैं
मगर ढूंढ़ ना पाया वो लफ्ज
तलाश थी जिसकी मुझे
आवाज़ देने को
उस शख्स को, जो मुझसे
दूर हो गया है
खो गया है जो आँखों के सामने से
जैसे गायब हो जाती हैं ओस की बूंदें
सूरज की गर्मी उन पर पड़ते ही
ढूंढ लूँगा उसे मैं, मुझे यकीन है
पा लूँगा मैं अपनी मंज़िल यकीनन
जो थोड़ी दूर दिखती है,
और रास्ता मुश्किल है
तलाश कर रहा हूं दूसरी राह जो
आसान हो
और पहुंचा दे मंज़िल तक
जल्द से जल्द..
