उम्मीद टूटकर बिखर गयी
उम्मीद टूटकर बिखर गयी
वो भूली-बिसरी तेरी यादें वो भूली-बिसरी तेरी कहानी
जब भी याद मुझे आती है चेहरे पर चमक आ जाती है
वो बचपन की यादें हमारी, वो बचपन का याराना
आये थे मेहमान बनकर तुम मेरे पडोस में।
तुम से हो गयी दोस्ती ऐसी की उसकी यादें दिल में रह गयी,
वो घंटों हमारा तुमसे बातें करना वो साथ साथ खेलना,
वो हँसना, वो हँसाना एक दूजे का मन मोह लेता था,
वो लुका छिपी खेलना एक दूजे को खोजना,
वो दौड़ के कहना तुमसे आ छू ले
हम वो दौर बचपन का कभी ना भूले।
वो मिलकर साथ गिल्ली-डण्डा और क्रिकेट खेलना,
याद आज भी हमको आ जाता है,
तेरी यादें हमको आज भी सुकून सा दे जाती,
चन्द दिनों की वो दोस्ती और उम्रभर का बिछड़ना आंखों में ऑंसू ला देता है।
सोचा था कि शायद किसी मोड़ पर हम मिल जाएंगे,
पर ये हो ना सका फिर ना कभी तुम इस शहर में आये,
चन्द साल पहले जब तेरे मरने की खबर मिली तो दिल फूट फूट कर रो पड़ा,
उम्मीद जो दिल मे थी उस दोस्त से मिलने की वो टूटकर बिखर गई।
