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SUNIL JI GARG

Children Stories

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SUNIL JI GARG

Children Stories

उड़न कार

उड़न कार

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छत पर उतरी एक सवारी

कार की शेप थी बड़ी प्यारी


मामाजी दिल्ली से आए

उड़नकार थी अपनी लाए


जमा हुए अड़ोसी पड़ोसी

ऐसी कार देखने की बेकसी


चुन्नू मुन्नू तुरंत थे उड़ना चाहते

मामा बोले चलो चक्कर लगाते


छह बच्चों से भर गई कार

मैं भी साथ में हो गया सवार


जल्दी हम उड़ चले आकाश में

लखनऊ घूमा एक ही सांस में


मजा आ गया मामा जी

आपने मस्त घुमाया जी


वापिस हम छत पर उतर गए

जल्दी से लिफ्ट से नीचे आए


ये सीन था दो हजार चालीस का

चलेंगी उड़नकार उस तारीख का।



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