"तुमको मेरा शत शत प्रणाम"
"तुमको मेरा शत शत प्रणाम"
हे विश्वगुरु भारत तुमको
है नमन मेरा, मेरा प्रणाम
हे नीति धाम
हे युक्ति धाम
जिसके कण कण में बसे राम
हे कर्म धाम
हे मुक्तिधाम
तुमको मेरा शत शत प्रणाम
चढ़ना सीखाबढ़ना सीखा
तुमसे मैंने,
लड़ना सीखाअंगारों पर,
चलना सीखा
प्रस्तर में भी,
खिलना सीखा
गिर गिर कर
उठना सीखा
पर कभी नहीं
झुकना सीखा
जग में मेरा
तुमसे है नाम
हे विश्वगुरु तुमको प्रणाम
तुमको मेरा शत शत प्रणाम
संचालक हो,
प्रतिपालक हो
इस जग के,
दिग्चालक हो
तुम गौ पालक,
नीलालक हो
तुम राष्ट्रधर्म,
संपालक हो
तुमको वंदन
हे सत्वधाम
हे विश्वगुरु तुमको प्रणाम
तुमको मेरा शत शत प्रणाम
