STORYMIRROR

Lokeshwari Kashyap

Others

4  

Lokeshwari Kashyap

Others

तुम्हारी यादें

तुम्हारी यादें

1 min
303


 हर पल मुझे सताता है तू ओ सांवरे l

 बिन तेरे कुछ नहीं भाता है ओ बावरे l

 एक जगह क्यों नहीं होता तेरा ठाव रे l

 कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रेl


सुनकर तेरी मधुर मुरलिया की धुन रे l

मैं तो भूली मोहन अपना सुध - बुध रे l

बंधी चली आती बांधे बिन डोर कोई रे l

कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रे l


याद आती है पूनम की वह मधुमास रे l

वह रात रही सब रातों से कुछ खास रे l

रचाया था जब गोपियों संग महारास रे l

कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रे l


जाकर मथुरा भूल गए तुम क्यों गांव रे l

यमुना के घाट, कदंब की शीतल छांव रे l

तुझे पुकारे कान्हा गोकुल की सारी गायें रे l

कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रे l


सूख गई गोपियों के असुवन की धार रे l

पड़ी कैसी हम पर विधाता,विरह की मार रे l

तेरे जाने से लुट गया कान्हा,सुख का संसार रे l

कृष्णा हर पल आती है तुम्हारी याद रे l


Rate this content
Log in