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ज्योति किरण

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ज्योति किरण

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तुम

तुम

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उल्फ़त की हसीं अठखेलियों में,

खो न जाना तुम।

लगते हो सयाने, पर दीवाने...

हो न जाना तुम।।


छलकती मय से छलकें,

इश्क़ की बूँदें तरन्नुम में।

किसी की याद में अश्क़ों के

दरिया न बहाना तुम।।


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