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Ashish Anand Arya

Others

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Ashish Anand Arya

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तुम तक हर उड़ान

तुम तक हर उड़ान

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जब नेह ने पंख पसारे

प्रिय तुम मेरे ही थे सारे!

चित्तवत सुंदर वदन सलोना

ध्येय हुए अतुलित सब न्यारे!

जीवन की चंचल माया के अजब अद्भुत सहारे!


सिमटकर अंक के मोहक रंग में

किलकारी ने रूदन छंद वारे...

बालपन वाले दंभ को जीकर

नितांत सुख संभव संचारे!

जीवन की चंचल माया के अजब अनुपम सहारे!


तीर आयु-वेग के जी-भर चले

यूँ जले समर्थ रंग पखारे!

प्रेम के सींचे सोंधे उपवन में

सर्वोत्तम जीवन-क्षण सुधारे!!

जीवन की मोहक माया जी भर हम तुम्हारे!


जीवन सन्यास का सुख हो आया

तुम-विन्यास ने यूं रंग निखारे...

आकांक्षाओं के समुचित समर में

उचित हुए सभी बंध तुम्हारे!

जीवन की जीवट माया के गज़ब रूप हमारे!



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