तुम नन्हे पौधे
तुम नन्हे पौधे
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तुम नन्हे पौधे मेरी जान
मेरा अरमान मेरी मेहनत
का अद्भुत परिणाम।
याद करो जब यह जमीन
थी बंजर की भांति पड़ी
कहते लोग ना इसमें जीवन है
पर मैंने भरोसा किया धरती माँ की कोख पर,
उसे सजाया, संवारा सिर,
सिंचन का बीजारोपण किया।
जब तक तुम पर नहीं आए
मैं बहुत उदास थी,
जल सिंचन के बाद रोज बैठी सोचती
तुम कब ऊपर आओगे
तुम कब ऊपर आओगे
आओगे भी या नहीं?
किंतु आज तुम्हारी छवि देखकर
तुम्हें अंजुली सेजल प्रदान कर,
मैं मातृत्व का अनुभव कर रही हूँ।
मेरे नन्हे पौधे।
