तुम बिन
तुम बिन
1 min
176
तुम बिन मेरा कोई न जग में झूठा सब संसार,
जब से लगन लगी है तुमसे अब तो दरस दिखलाओ,
भटक गया हूं मार्ग से अपने कोई तो मार्ग बतलाओ।
प्राण प्रिय है तू मुझको इतनी तेरी ही सरकार,
स्वर्ग लोक को मैं क्या जानूँ प्रेम की अब दरकार,
तुम्हारी लीला तुम ही जानो सब तुमको अख्तियार।
तुम ही पालन कर्ता जग की तुम ही करती संहार,
इसी आशा को लिए मैं आया मेरा करोगी बेड़ा पार,
और न चाह है कोई जगत की तुम दाता अपरंपार।
तुम बिन मेरा कोई न जग में...........
