तुझे कैसे भुला दूँ ?
तुझे कैसे भुला दूँ ?

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अतीत का दामन कैसे छोड़ दूँ ?
मेरे आज में तू नहीं है
बस तेरी यादें साथ हैं,
और तेरी ये यादें, मुझे
अतीत से ही तो मिलती है,
तुझसे जुदा हो गया,
तुझे रोक नहीं पाया,
मेरा बस नहीं था वक़्त पर
मेरी ताक़त से परे था,
दुआएं, लाखों की थी मैंने
पर कोई सुनने वाला नहीं था,
शायद खुदा का दर, मेरी
दुआओं के पहुँच से परे था,
अब मेरे पास जो बची हैं
तेरी मासूम यादें हैं बस,
कैसे भुला दूँ मैं इन्हे
मैं, तुझे कैसे भुला दूँ !
अतीत का दामन कैसे छोड़ दूँ ?