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Supriya Devkar

Others

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Supriya Devkar

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टूटी यादें

टूटी यादें

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टूटी यादों को संजोने से 

क्या हासिल होगा अब 

दर्द की लकीर हमेशा 

साथ रहेगी जब 


तिनका तिनका यादों का 

हरदम दिल को रूलाएगा 

नये सपनों से दूर करके 

सपनों को चूर चूर कराएगा


क्यूं रखना ऐसी यादें 

जो खुशी से जीने ना दे 

नये खयालों को दूर कर 

जीवन में आगे बढ़ने ना दे 


पुरानी सोच को बदलो प्यारे 

खयालों से निकलो बाहर 

टूटी यादों के बंधन से 

निकालो खुद को इसी प्रहर 



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