तश्नगी
तश्नगी
बात गर उजाले की तीरगी में होती है
चाह फिर भी सबकी रौशनी में होती है।
खुब ख्याल रखती हूँ आरजू मेरी है तू
ज़िंदगी तेरी ख़ुशी ज़िन्दगी में होती है।
आज काम आई है ये वफ़ाए मेरी भी
दिल तोड़ना आदत खोपड़ी में होती है।
तोड़ते नहीं हम तो दिल कभी यूँ किसी का
बात मासूमियत की सादगी में होती है।
पूछे जो क़ोई हाले-दिल लफ्ज़ो में लिखा है
रात आज कल मेरी बेकसी में होती है।
सामने तू आता मेरे वक्त ठहर जाता
ज़िन्दगी रंगी जैसे मेहँदी में होती है।
तुम शह्र से गुज़रे हो अहसास हम रखते है
बात साथ की चेहरे पर ख़ुशी में होती है।
बोझ बन गये आपके लिए हैरान हूँ मै
आज कल बात मन की तिश्नगी में होती है।
गिरह
इस फ़िक्र ने जीना मुश्किल कर दिया "नीतू"
कुछ अदा फ़रिश्तों की आदमी में होती है।
