थकने लगी हूँ
थकने लगी हूँ
सुनो अब बार बार यूँ
आवाज़ देकर बुलाया न करो
थोड़े से काम करके
अब थक जाती हूँ
सीढ़ियां चढ़ कर
साँस फूलने लगती है
टखने और कमर भी
जल्द ही दुखने लग जाते हैं
सुनो अब बार बार यूँ
आवाज़ न दिया करो
भाग भाग कर सुबह से
कब शाम होती काम में
मालूम न होता था कभी
अब तो समय की रफ़्तार भी
कुछ धीमी हो चली है
सुनो अब आदत बदलनी होगी तुम्हें भी
देखा करते थे जैसे
वैसे अब भी देख लिया करो
चेहरे की परतें
बालों की सफेदी को
नजरंदाज मत किया करो
माना तुम्हारी नज़रें
स्वीकारती नहीं इन्हें
पर सच तो ये है कि अब
हर पुकार पर
दौड़ी आ सकती नहीं
देखो अब बार बार यूँ
बेवजह मुझे बुलाया न करो
थकने लगी हूँ
अहसास को मेरे अब
इशारों में समझा करो
बार बार यूँ बुलाया न करो
