तेरी नजरों को
तेरी नजरों को
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आज लिखने को कुछ नहीं है
फिर भी लिख रहा हूँ
जिंदगी की किताब को
स्वेत श्याह से लिख रहा हूँ
तमन्ना दिल की रूठने न पाये
ऐसी कारीगरी कर रहा हूँ
हो मुकम्मल आशिकी तेरी-मेरी
इश्क ऐसा गढ़ रहा हूँ
तेरे वजूद में शामिल हो जाऊं मैं
दीवानगी को आईना कर रहा हूँ
चल चलें ये मतलबी दुनिया छोड़ के
गम में ख़ुशी को कर रहा हूँ
निगाह मत फेरना मुझसे कभी भी
तेरी नजरों को फुरसत से पढ़ रहा हूँ!