तेरा साया
तेरा साया
अंधेरे मे तेरे सायों को ढूंढ रही हूँ
रोशनी मे खो जाते हो,
इसलिए अंधेरे में मिलने प्रयास कर रही हूँ
जिदंगी दो पलो का अफसाना है,
आज जिंदगी कल मर जाना है,
कहीं दूर से नज़र आयी छाया है,
इतनी मैं नदान थी तेरे अक्स को समझा
तेरा साया फिर मेरी जो टूटी आस सच कहती हूँ ,
निराशा लगी मेरे हाथ ढूँढा बहुत तुझे आशा के साथ
काश मेरा यूँ ये हाल न होता तेरा साया
जो पास होता इस कदर तेरे प्यार मे मशगूल रहते हैं,
कि हर जगह तेरे अक्स को पाया करते हैं,
सुबह जब तुम नही हो तब
रात के अंधेरे मे तेरे सायों को अपने साथ महसूस किया करते हैं!,
