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Neeraj pal

Others

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Neeraj pal

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तेरा बन जाऊँ

तेरा बन जाऊँ

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हे! ममता मई माँ मैं तेरा बन जाऊं।


तू मेरी ,मैं बनूँ तुम्हारा, केवल तेरा रहूं सहारा।

तेरा हो कर तुझ में रहकर ,तेरा भक्त कहलाऊँ।।


मैं बालक तू मेरी मात है, प्रेम तेरा मेरी कविता है।

सर्व प्रकाशक तू सविता है, तुझसे प्रकाश पाऊँ।।


पथ प्रदर्शक तू जगती का, पात्र बनूँ तेरी भक्ति का।

पूजन करूं तेरी शक्ति का ,तुझसे यह वर पाऊँ।।


स्वार्थ त्याग करुँ भलाई, मैं होऊँ जग को सुखदाई।

मन से तेज कर सभी बुराई ,उत्तम कर्म मनाऊं।।


सब कुछ करूं तेरे अर्पण मैं ,लगा रहूँ तेरे तर्पण मैं।

कहें "नीरज" तेरे चरण शरण में ,नित आनंद मनाऊँ।।

हे !ममता मई माँ मैं तेरा बन जाऊँ।।


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