तड़प
तड़प
(Verse 1)
तड़प में जीने की ये कैसी चाहत है,
दिल की हर धड़कन में एक बेकरारी है।
यादों का समंदर मुझे बहुत सताए,
तेरे बिना जीने की अधूरी अदाएं।
(Chorus)
तड़प, तड़प, मेरे दिल की तड़प,
तेरे बिना रातें हैं सूनी, दिन बेरंग सब।
तड़प, तड़प, ये मन की तड़प,
तेरी यादों में जीना, बना है मेरी आदत।
(Verse 2)
बारिश की बूँदों में तेरी याद बरसाए,
रुस्वाइयों के सिलसिले में चूक न जाए।
रात भर सोने की जगह तू है ख्वाबों में,
मेरी जिंदगी का हर लम्हा तेरी रवानगी में।
(Chorus)
तड़प, तड़प, मेरे दिल की तड़प,
तेरे बिना रातें हैं सूनी, दिन बेरंग सब।
तड़प, तड़प, ये मन की तड़प,
तेरी यादों में जीना, बना है मेरी आदत।
(Bridge)
मुझे खोकर तू भी तड़पेगा,
अपने इरादों को तू समझेगा।
हम एक दूजे की दुनिया हैं,
तेरे बिना जीना तो ये अधूरी ख़्वाहिश है।
(Chorus)
तड़प, तड़प, मेरे दिल की तड़प,
तेरे बिना रातें हैं सूनी, दिन बेरंग सब।