स्वच्छ भाषा
स्वच्छ भाषा
स्वच्छ होगी जब बच्चों आपकी भाषा
चारों ओर दिखेगी तुमको आशा ही आशा
अच्छी -2 जब तुम सदा ही बातें बोलोगे
उन्नति का अपने लिए तुम रास्ता खोलोगे
दुनिया का हर इक बच्चा फूलों से भी प्यारा है
सुन्दर जिसकी बोली उसको कहते सब ये हमारा है
भाषा हो गर स्वच्छ व सुंदर हों हमारे विचार
सकरात्मक हो जाता है बच्चों हमारा व्यवहार
सोच समझ व जाँच परख कर हो शब्दों का चयन
तो पुलकित हो उठते हैं सुनने वालों के भी नयन
पानी जैसा निर्मल चाहते हो गर तुम अपना तन व मन
तो बच्चों वाणी पर अपनी तुम करो जरा चिंतन व मन
देखे सुने और बोले जो सदा ही अच्छा अच्छा
सब कहते हैं उसको देखो ये है कितना सुंदर बच्चा
पहले तोलो फिर बोलो तुम बच्चों रखना सदा ध्यान
आगे बढ़ने के लिए जरूरी है स्वच्छ भाषा का ज्ञान
प्यारी होगी जब सब बच्चों की वाणी
कोई न होगा बच्चों फिर जीवन में तुम्हारा सानी
