स्वास्थ्य
स्वास्थ्य
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मानव का मैं अधिकारी हूँ
जगत भर में सरोकारी हूँ
मेरा लालन धर्म मानव का
मेरा पालन मर्म मानव का
मैं नष्ट
तथापि मानव नष्ट
मैं सुकृष्ट
तथापि मानव सुकृष्ट
योग लालसा है मेरी
मेरे सुख की आशा है निरी
मेरा निरीक्षण आईना मानव का
मेरा परिक्षण तराना मानव का
मेरी इच्छा है व्यायाम
मानव बना है मेरा आराम
मैं स्वास्थ्य हूँ मानव का
तभी तो कर्तव्य हूँ मानव का॥