"सवाल? "नन्हीं का"
"सवाल? "नन्हीं का"
1 min
139
क्या है ? मजबूरी जो ,
होते, घर के दो टुकड़े,
क्यों ? न हो सकती,
मैं माँ-बाबा की दुलारी,
क्या है? मजबूरी जो,
होते, घर के टुकड़े ,
क्या ? नहीं है मुझ को,
जीवन में ख़ुशियों को,
पाने का हक़,
आम बच्चों सा मिले मुझे भी,
माँ-बाबा का दुलार।
क्योंं ? होता घर का,चाबी का,
बँटवारा, क्या है? मजबूरी।
क्यों करते हो? अपने ही,
अंश का बँटवारा ,
क्या? मैं माँ-बाबा का अंश नहीं,
क्या? माँ -बाबा का अंश नहीं..।
