सुरक्षा और फैशन
सुरक्षा और फैशन
आराम सदा सबका तन मांगे,
और मांगता है सुविधाएँ मन।
आलस्य और दिखावे झूठे में,
कभी जान पर ही जाती है बन।
जरा गौर कर हम तनिक विचारें,
प्रिय प्राण हमें हैं या फिर फ़ैशन।
हम सत्य और शुभता न त्यागें,
सदा उत्कृष्ट का ही करें चयन।
हेलमेट और मास्क दोनों को ही,
हम सुरक्षा के ही हेतु लगाते हैं।
चालान बचाते औरों को दिखाते,
नजर बहुत से ही जन आते हैं।
मौत संक्रमण न रुके इस ढंग से,
समझ लें ये सब ही जन-जन।
हम सत्य और शुभता न त्यागें,
सदा उत्कृष्ट का ही करें चयन।
दुर्घटना सावधानी हटते ही होती,
ये क्षमा तो कभी भी नहीं करती है।
सावधान और सतर्क रहते हैं सदा जो,
उनकी ओर कभी रुख भी न करती है।
छोटा-बड़ा अमीर-गरीब सब हैं बराबर,
आचरण भेदभाव रहित ही करें हर जन।
हम सत्य और शुभता न त्यागें,
सदा उत्कृष्ट का ही करें चयन।
जीवन तो वर है उस परमेश्वर का
और ये जीवन है अनमोल बड़ा।
हर जीवन तो है समाज की थाती,
उत्तरदायित्व है हम सबका कड़ा।
सत्-शुभ कर्मों की ख़ातिर हम,
इसे संरक्षित रखें कर कोटि जतन।
हम सत्य और शुभता न त्यागें,
सदा उत्कृष्ट का ही करें चयन।
