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सुनहरे पल

सुनहरे पल

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आज की ये शाम हमें याद आये ज़िन्दगी भर

आओ कुछ ऐसा करें आज मिलकर।

 

ये लम्हे ये घड़ियाँ शायद ना फिर नसीब हों

होकर दूर हम शायद ना इतने करीब हों

कह दो रह ना जाये कोई बात होठों पर

आओ कुछ ऐसा करें आज मिलकर ।

 

इन लम्हों को आज बना दें इतना खास

पीछे मुड़के जब भी देखें हम अपना इतिहास

ये लम्हे ही सुनहरे आयें बस नज़र

आओ कुछ ऐसा करें आज मिलकर ।

 

दुआ करो इत्फाक से फिर जो मिलन हो

ऐसी ही शाम हो ऐसा ही दिन हो

ऐसी ही मुस्कान हो सबके चेहरों पर

आओ कुछ ऐसा करें आज मिलकर ।

 

आज की ये शाम हमें याद आये ज़िन्दगी भर

आओ कुछ ऐसा करें आज मिलकर ।


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