सुखकर्ता दुखहर्ता
सुखकर्ता दुखहर्ता
अपार ज्ञान सागर दाता गणाधिपति
विनायक का पावन आज त्यौहार
सुख,समृद्धि शांति का अनुपम उपहार लेकर
गणपति आए हमारे द्वार।
सर्वप्रथम पूजनीय वो देव हमारे
पार्वती के लाडले, हैं शिव के प्यारे
अपने भक्तों के दुख दर्द सारे पल में हर कर
गणपति बप्पा सब काज संवारे।
राजदुलारे शिव गौरी नंदन
सुखकर्ता, दुखहर्ता जग के पालनहारी
दुर्वाभिषेकित, सिद्धिविनायक वो
मोदक भाए मन को मूष है सवारी।
भोली सी सूरत, रूप निराला
गजानन की कृपा है सुख का प्याला
लंबोदर गजानन, कृपानिधि हमारे
हर मुश्किल में सदा हमें संभाला।
बल बुद्धि के स्वामी,अंतर्यामी
वैभव उनसे आता,हैं वो भाग्यविधाता
मंगलमूर्ति, एकदंत स्वामी
रिद्धि सिद्धि के दाता,वो चारों वेदों के ज्ञाता।
ज्ञान मिला गणपति गणेशा से
माता पिता के चरणों में है चारो धाम
माता गौरी को दिया वचन निभाया
शीश कटाकर पड़ा गजानन नाम।
दूर हो जाती हर बाधा गणपति पूजन से
देवों के देव प्रेम करते भक्तों से
ज्ञान, ध्यान के दाता, विघ्नहर्ता
दीन दुखियों को मुक्त कर देते कष्टों से।
सिद्धिविनायक,अष्टविनायक,शुभकर्ता
गणेश्वर,लंबोदर अनेकों इनके नाम
शुभारंभ,सुख,समृद्धि,सफलता के देव
गौरी पुत्र श्री गणेश को बारंबार प्रणाम।