सरकारी काम
सरकारी काम
आओ तुम्हें सुनाए दफ़्तर की
एक कहानी
एक था डीलिंग हैड
सुनो दिल से कारस्तानी
मेंबर ने क्वेश्चन का नोटिस दिया
उसने उसको इग्नोर किया
प्रश्न एडमिट हो, न हो!
क्यों ऊर्जा व्यर्थ में नष्ट हो।।
जब प्रश्न का प्रिंटेड वर्ज़न आया,
सम्पूर्ण सेक्शन में टेंशन छाया।
डीलिंग हैड ने ऑब्सर्व किया,
पार्ट प्रश्न हेतु ऑफ़िस मेमोरेंडम
नहीं सर्व किया।
ऑफिसर चिल्लाया,
सूचना अर्जेंट, हाँ हाँ जरूरी है।
पर कैसे भेजें डायरेक्ट उस ऑफ़िस को
काम सरकारी है।।
वह कार्यालय तो दूसरे से
प्रशासनिक सम्बद्ध है।
हम कैसे लिख सकते हैं उसे
यह तो नियम विरुद्ध है।।
लेटर को वाया भिजवाया,
फिर स्टेटस का पता लगाया गया।
ऑफीसर फिर चिल्लाया
फ़ोन को घुमाया, फ़ोन घनघनाया
पर उधर किसी ने नहीं उठाया।
ऑफिसर ने पीए से
मोबाइल नंबर मंगाया
पर मोबाइल आउट ऑफ रीचबल
आया
तब ऑफिसर ने कहा,
एसएमएस दिया?
पीए ने टालमटोल किया
पर डीलिंग हैंड ने फिर ऑब्सर्व किया।
एसएमएस तो एमओपी में
फ़ॉर्म ऑफ कम्युनिकेशन
नहीं है
ऑफिसर खीझा, ग़ुस्साया
और पूछा, फिर इन्फॉर्मेशन
कहीं है!
डीलिंग हैंड मुस्कुराया
फिर दिमाग दौड़ाया
और पुराना फ़ोल्डर उठाया
इस तरह उत्तर बनाया
तब कहीं जाकर सेक्शन को चैन आया।।