मैत्रेय जी बताएँ विदुर को, कैसे ब्रह्मा इस जगत की रचना करें ! मैत्रेय जी बताएँ विदुर को, कैसे ब्रह्मा इस जगत की रचना करें !
जननी, जग मानस सृजनी, तुम सृष्टि सत्य समागम हो । जननी, जग मानस सृजनी, तुम सृष्टि सत्य समागम हो ।
स्वयं ही जगत के रूप में अपनी ही रचना वो करते। स्वयं ही जगत के रूप में अपनी ही रचना वो करते।