मैत्रेय जी बताएँ विदुर को, कैसे ब्रह्मा इस जगत की रचना करें ! मैत्रेय जी बताएँ विदुर को, कैसे ब्रह्मा इस जगत की रचना करें !
सुनकर प्रश्न मैत्रेय जी बोले करूँ आरम्भ मैं भागवत पुराण का ! सुनकर प्रश्न मैत्रेय जी बोले करूँ आरम्भ मैं भागवत पुराण का !
ब्रह्मा जी कहें प्रभु मैंने आपको बहुत समय के बाद है जाना ! ब्रह्मा जी कहें प्रभु मैंने आपको बहुत समय के बाद है जाना !
मैत्रेय जी कहें फिर विदुर से रूद्र के सेवकों से हारकर! मैत्रेय जी कहें फिर विदुर से रूद्र के सेवकों से हारकर!
अग्नि मुख, सूर्य नेत्र हैं उनके प्राण से वायु प्रकट हुआ। अग्नि मुख, सूर्य नेत्र हैं उनके प्राण से वायु प्रकट हुआ।
श्री कृष्ण के अतरिक्त और कोई प्राकृत अप्राकृत वस्तु है ही नहीं। श्री कृष्ण के अतरिक्त और कोई प्राकृत अप्राकृत वस्तु है ही नहीं।