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Kanchan Prabha

Children Stories

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Kanchan Prabha

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सोन चिरैया

सोन चिरैया

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कंचन सा रूप दमकता 

इत्र सा देह महकता

पथ का राही जो भी गुजरे

ये काया देख बहकता

सोन चिरैया मदमस्त सी

छम छम करके नाच दिखाती

कोई छुए हाँथ से उसको

झट फुदक फुदक उड़ जाती

बैठी ऊँची डाल पे उड़ कर 

रहती प्रकृति से वो जुड़ कर 

पुछे जब कोई नाम जो उसका

चिं चिं मीठी बोली जिसका 

बंधन कोई ना उसको भाता

पिंजड़े में तो जी धबराता

वर्षा में भी खूब नहाये 

दाना बिन बिन चुग्ती जाये

कभी किसी के छत पर चढ़ती

कभी मुंडेरों के ऊपर भी बढ़ती

ना गिरने का भय समाये

उड़ उड़ कर के गाना गाये

कितनी प्यारी सोन चिरैया

तुम भी नाचो ता ता थैया!



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