समय के रंग
समय के रंग
सुहाना समय
पंख लगा उड़ उड़ जाए
पलों में बिखरा समय
घड़ियों में सिमटा समय
कभी निर्मम कभी मरहम
अपनों के संग
कभी ठहरा लगे
कभी लौटता लगे
नई राहों के मोड़ नए नए अनजाने
विचारों के भंवरजाल में ताने-बाने
किस सत्य किस असत्य को माने
मन ही मन कुछ कर गुज़रने की ठाने
कुछ स्मृतियां कटु-कठोर अनुभव छाने
नाना प्रकार की अठखेलियो के बहाने
कल्पित से निकल वास्तविक संसार बसाने
नए रूप में कुछ बीता दोहराने कुछ नया रचाने
मधुर क्षणों में जीवन बीताने
हमराही को पहचाने न पहचाने
चाहे-अनचाहे मनचाहे संग
प्रभावित करें समय के रंग।