सितम
सितम
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नही समझ आता हमें उसका प्यार
हमारी तरह तो नही वो बेकरार
अब तो मन बड़ा ,उदास होने लगा
हम जागे रात भर और वो सितमगर
बेफिक्र रात भर, सोता रहा
धीरे धीरे हम उसके, गुलाम बन गए
वो अपनी बादशाही ,हमारे नाम कर गए
एक एक पल का हिसाब, रखता है बेरहम
हर पल तेरे नाम कर , चल दिए पी कर अपने सारे गम।