सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
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मेरे सुख और दुःख के..
एकमात्र साथी हो तुम..
जब कभी होते हैं पथहारा..
आर्तनाद कर तुम्हें पुकारा..
निमित्त बनकर आ जाते हो..
तुम हमें सहारा दे जाते हो..
हर पल हर क्षण..
हमारे जीवन में तुम..
अपनी उपस्थिति का..
अहसास करवा जाते हो..
मैं हूँ हमेशा साथ तुम्हारे..
घबराओ मत मेरे प्यारे..
आकर चुपके से कानों में..
तुम मेरे.. ये कह जाते हो..
नहीं चाहिए साथ किसी का..
सिवा तुम्हारे ओ कान्हा..
इस मतलबी दुनिया में..
कोई नहीं है मतलब का..
निःस्वार्थ जो साथ निभाए..
वो सिर्फ.. तुम हो तुम..
मेरे कान्हा.. सिर्फ तुम..!!