सिर्फ़ तुम हो मेरी ख़ुशी
सिर्फ़ तुम हो मेरी ख़ुशी
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पास ऐसा नहीं लिक़ा आज़म !
मैं बनाऊं अपना सदा आज़म
हूँ सौतेला यारों यहाँ मैं तो
मेरा कोई नहीं सगा आज़म
ख़ूब दिन हो गये ग़म में जीना
अब ग़मों से मिले शिफ़ा आज़म
मांगता हूँ दुआ बहुत रब से
सुन नहीं रब रहा दुआ आज़म
प्यार के गुल कभी जो देता था
हो गये वो क्यों बेवफ़ा आज़म
दर बदर हर गली रहा फिरता
पर मिला ही न आशना आज़म
क्यों ख़ुदाया मन की नहीं सुनता
मांगता हूँ बहुत दुआ आज़म ।
