सहयोग
सहयोग
1 min
417
अपनों का साथ बनाये रखें
दूर कितने ही रहे लेकिन
मन से रिश्तों को महकाए रखें
रुठा हो अगर अपना कोई
तो मना लो क्षमा माँगकर
दूरियाँ दूर रहने से नहीं
अहं से बढ जाती हैं अक्सर
प्रेम की इस डोर का नहीं है कोई मोल
सुख-दुख में सबका साथ है बडा अनमोल
मुश्किल रास्ते हों आसां
गले लगा ले जब कोई अपना
प्यार से अपनी बाहें खोल
किसका साथ कितने पल का है यहाँ
दूर रहकर क्यों करते रहें गिला
कुछ कदम विश्वास से बढाओ उनकी ओर
रिश्तों की फिर से शायद बन जाये
मजबूत डोर।