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Shilpi Goel

Children Stories

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Shilpi Goel

Children Stories

शून्य

शून्य

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गोल-गोल शून्य 

होता तो है एक

परन्तु छिपे होते 

इसमें अर्थ अनेक


जुड़ जाता जब 

संख्या के पश्चात 

कीमत उसकी 

बढ़ जाती फटाक


वहीं रहकर शून्य 

संख्या से सम्मुख 

महत्ता अपनी 

घटित करता

 

एहसास कराती 

उसकी यह बात

अग्रसर रहने से 

नहीं बढ़ता प्रभाव 


प्रभाव आपके कर्मों 

से तय होता है 


इसलिए गोल-गोल 

शून्य की तरह 

अंत में रहकर भी 

आप खुद को

प्रभावशाली 

सिद्ध कर सकते हैं 

बशर्ते विचार 

उत्तम होने चाहिए। 


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