शुभ जन्मदिन
शुभ जन्मदिन
तीसरी यह तिथि तीसरे मास की,
यही तिथि है जीवन में उल्लास की।
तू मिला था इसी दिन प्रभु से मुझे,
हुए कितने थे हर्षित हम पाकर तुझे।
तेरे शुभ जन्म का वही दिन आज है,
तू श्रवण है मेरा हमें तुझ पर नाज है।
रघु के वंश का -कुल का सूरज है तू ,
वृन्दावन बाग में बहुत-खूबसूरत है तू।
कई वंशों की ओ बेटे- तू पहचान है।
नाज़ तुझ पर इन्हें-इनकी तू शान है
गम न तुझको छुए- मिलें खुशियां सदा,
कृपा प्रभु की रहे- लाल तुझ पर सर्वदा।
हम सभी का शुभ-आशिष तेरे साथ है,
साथ देने को तैयार अनगिनत हाथ हैं।
स्वेद श्रम का बहाकर-खिलाना तू गुल,
कल्याण शुभता के पथ नये जाएंगे खुल।