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कलम की आवाज मिथलेश सिंह मिलिंद

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कलम की आवाज मिथलेश सिंह मिलिंद

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श्री कृष्ण जन्म कथा भाग 2

श्री कृष्ण जन्म कथा भाग 2

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झूल रहें हैं कृष्ण , नंद बाबा के द्वारे ।

लगा सोचने कंश , काल को कैसे मारे ।

लगा भेजने रोज , असुर अनगिन अंगारे ।

असुर कंश के वीर , कृष्ण के हाथों हारे ।।


मल्लयुद्ध प्रस्ताव , कंश का गोकुल आया ।

सुनकर यह प्रस्ताव , नंद का मन घबराया ।

हँसकर बोले कृष्ण , कंश शायद पगलाया ।

आज बनेगी काल , कंश तेरी ही माया ।।


चले साथ अक्रूर , कृष्ण अरु दाऊ भ्राता ।

तोड़ रहे थे कृष्ण , कंश जो जाल विछाता ।

हुआ कंश संहार , जगत यह कथा सुनाता ।

तिहूँ लोक जयकार , हुआ जय कृष्ण विधाता ।।


श्याम रूप हैं कृष्ण , वशन उनका है पीला ।

नटखट माखन चोर , लगे है बड़ा हठीला ।

छलिया यह गोपाल , कृष्ण मन का रंगीला ।

मनमोहक है रूप , और इसकी यह लीला ।।



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