श्री कृष्ण जन्म कथा भाग 2
श्री कृष्ण जन्म कथा भाग 2
झूल रहें हैं कृष्ण , नंद बाबा के द्वारे ।
लगा सोचने कंश , काल को कैसे मारे ।
लगा भेजने रोज , असुर अनगिन अंगारे ।
असुर कंश के वीर , कृष्ण के हाथों हारे ।।
मल्लयुद्ध प्रस्ताव , कंश का गोकुल आया ।
सुनकर यह प्रस्ताव , नंद का मन घबराया ।
हँसकर बोले कृष्ण , कंश शायद पगलाया ।
आज बनेगी काल , कंश तेरी ही माया ।।
चले साथ अक्रूर , कृष्ण अरु दाऊ भ्राता ।
तोड़ रहे थे कृष्ण , कंश जो जाल विछाता ।
हुआ कंश संहार , जगत यह कथा सुनाता ।
तिहूँ लोक जयकार , हुआ जय कृष्ण विधाता ।।
श्याम रूप हैं कृष्ण , वशन उनका है पीला ।
नटखट माखन चोर , लगे है बड़ा हठीला ।
छलिया यह गोपाल , कृष्ण मन का रंगीला ।
मनमोहक है रूप , और इसकी यह लीला ।।