श्राद्ध
श्राद्ध
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नफरत द्वेष और ईर्ष्या का
श्राद्ध व तर्पण करना होगा,
ना हो कभी दुश्वारी की राहें
प्रेम भाव को रखना होगा ।
बेशक तुमने न हमें अपने
दिल में बसाया होगा,
नफरत ही सही एक
बार तो याद आया होगा ।
रहे खुशियां सदा आंचल
में जहां भी रहे तू,
हैं ये उम्मीद हमने तुझको
न कभी रुलाया होगा ।
न कर नफरत हमसे
ना प्रेम को ठुकरा मेरे,
मोहब्बत दिल में बसा
कर हमें चलना होगा।