शक्तिरुपा को श्रद्धासुमन
शक्तिरुपा को श्रद्धासुमन
श्रद्धा है तू ,शक्ति भी तू, सहनशीलता की मूरत तू ,
होते हैं साक्षात्कार जहां ईश्वर के वह सुंदर सी सूरत तू।
आत्मविश्वास की कमी नहीं है तुझ में छोड़ दे खुद को कम करके तू आंकना,
खुद ईश्वर को भी सृजन के लिए पड़ा है तेरे अस्तित्व को मानना।
सृजन की पीड़ा से भरे तन में दर्द से जो कराहती तू ,
पाकर मातृत्व का गौरव दूजे ही पल उस दर्द में भी मुस्कुराती तू।
वंदनीय है हर रूप में तू चाहे मां बहू ,बहन या बेटी,
खुद पर विश्वास रखकर ही तू पार करती है जीवन की हर कसौटी।
तेरी अस्मिता ,तेरी गरिमा को है अनेकों अनेक सलाम ,
प्रार्थना है यह कि हासिल कर ले जीवन में तू सफलता के हर मुकाम ।
अपने दृढ़ निश्चय से कर दे तू सारे अत्याचारों का दमन,
हे श्रद्धा ,हे शक्ति रूपा तुझे है हमारे शत शत नमन ,शत शत नमन!!