शिव स्तुति
शिव स्तुति
#छंद-मंदाक्रान्ता
#विधान-222 2,11 111 2,21 221 22=17वर्ण
बं बं बं बं सब जन भजें,श्रावणी पूर्णिमा में,
शं शं शंभो नर-हरि जपें,नित्य पूजा विधा में।
आओ भक्तों!जप-तप करें,प्रात-संध्या दिवा में,
नाचें-गायें! दिल-मन रमें, नाथ तेरी कृपा में।।
भोले बाबा प्रतिपल तुम्हें,चित्त में ही रखूँगा,
गङ्गा जी हैं सिर पर सदा,मैं उन्हें ही भजूँगा।
दीनों के हो सजग प्रहरी,शैव,सेवा करुँगा,
भोले का ही चरण रज में,माथ टीका रखूँगा।।
कैलाशी हैं शिव अविनाशी,सर्पमाला गले में,
तेरी शोभा शुभ हिम वासी,मुंडमाला गले में।
संतापों से हम सब बचें,आप ही हो दृगों में,
सिद्धों में हो अतिशय बली,नाथ योगी सबों में।।